Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
15
PageNo
517
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
49_15.png
AyatText
إِنَّمَا ٱلْمُؤْمِنُونَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ ثُمَّ لَمْ يَرْتَابُوا۟ وَجَـٰهَدُوا۟ بِأَمْوَٰلِهِمْ وَأَنفُسِهِمْ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلصَّـٰدِقُونَ
AyatMeaning
(सच्चे मोमिन) तो बस वही हैं जो ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाए फिर उन्होंने उसमें किसी तरह का शक़ शुबह न किया और अपने माल से और अपनी जानों से ख़ुदा की राह में जेहाद किया यही लोग (दावाए ईमान में) सच्चे हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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