Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
24
PageNo
486
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
42_24.png
AyatText
أَمْ يَقُولُونَ ٱفْتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ كَذِبًۭا ۖ فَإِن يَشَإِ ٱللَّهُ يَخْتِمْ عَلَىٰ قَلْبِكَ ۗ وَيَمْحُ ٱللَّهُ ٱلْبَـٰطِلَ وَيُحِقُّ ٱلْحَقَّ بِكَلِمَـٰتِهِۦٓ ۚ إِنَّهُۥ عَلِيمٌۢ بِذَاتِ ٱلصُّدُورِ
AyatMeaning
क्या ये लोग (तुम्हारी निस्बत कहते हैं कि इस (रसूल) ने ख़ुदा पर झूठा बोहतान बाँधा है तो अगर (ऐसा) होता तो) ख़ुदा चाहता तो तुम्हारे दिल पर मोहर लगा देता (कि तुम बात ही न कर सकते) और ख़ुदा तो झूठ को नेस्तनाबूद और अपनी बातों से हक़ को साबित करता है वह यक़ीनी दिलों के राज़ से ख़ूब वाक़िफ है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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