Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
37
PageNo
480
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
41_37.png
AyatText
وَمِنْ ءَايَـٰتِهِ ٱلَّيْلُ وَٱلنَّهَارُ وَٱلشَّمْسُ وَٱلْقَمَرُ ۚ لَا تَسْجُدُوا۟ لِلشَّمْسِ وَلَا لِلْقَمَرِ وَٱسْجُدُوا۟ لِلَّهِ ٱلَّذِى خَلَقَهُنَّ إِن كُنتُمْ إِيَّاهُ تَعْبُدُونَ
AyatMeaning
और उसकी (कुदरत की) निशानियों में से रात और दिन और सूरज और चाँद हैं तो तुम लोग न सूरज को सजदा करो और न चाँद को, और अगर तुम ख़ुदा ही की इबादत करनी मंज़ूर रहे तो बस उसी को सजदा करो जिसने इन चीज़ों को पैदा किया है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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