Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 41
- PageNo
- 463
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 39_41.png
- AyatText
- إِنَّآ أَنزَلْنَا عَلَيْكَ ٱلْكِتَـٰبَ لِلنَّاسِ بِٱلْحَقِّ ۖ فَمَنِ ٱهْتَدَىٰ فَلِنَفْسِهِۦ ۖ وَمَن ضَلَّ فَإِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَا ۖ وَمَآ أَنتَ عَلَيْهِم بِوَكِيلٍ
- AyatMeaning
- (ऐ रसूल) हमने तुम्हारे पास (ये) किताब (क़ुरान) सच्चाई के साथ लोगों (की हिदायत) के वास्ते नाज़िल की है, पस जो राह पर आया तो अपने ही (भले के) लिए और जो गुमराह हुआ तो उसकी गुमराही का वबाल भी उसी पर है और फिर तुम कुछ उनके ज़िम्मेदार तो हो नहीं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi