Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
21
PageNo
460
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_21.png
AyatText
أَلَمْ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ أَنزَلَ مِنَ ٱلسَّمَآءِ مَآءًۭ فَسَلَكَهُۥ يَنَـٰبِيعَ فِى ٱلْأَرْضِ ثُمَّ يُخْرِجُ بِهِۦ زَرْعًۭا مُّخْتَلِفًا أَلْوَٰنُهُۥ ثُمَّ يَهِيجُ فَتَرَىٰهُ مُصْفَرًّۭا ثُمَّ يَجْعَلُهُۥ حُطَـٰمًا ۚ إِنَّ فِى ذَٰلِكَ لَذِكْرَىٰ لِأُو۟لِى ٱلْأَلْبَـٰبِ
AyatMeaning
क्या तुमने इस पर ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में चश्में बनाकर जारी किया फिर उसके ज़रिए से रंग बिरंग (के गल्ले) की खेती उगाता है फिर (पकने के बाद) सूख जाती है तो तुम को वह ज़र्द दिखायी देती है फिर खुदा उसे चूर-चूर भूसा कर देता है बेशक इसमें अक्लमन्दों के लिए (बड़ी) इबरत व नसीहत है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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