Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
6
PageNo
459
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_6.png
AyatText
خَلَقَكُم مِّن نَّفْسٍۢ وَٰحِدَةٍۢ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَأَنزَلَ لَكُم مِّنَ ٱلْأَنْعَـٰمِ ثَمَـٰنِيَةَ أَزْوَٰجٍۢ ۚ يَخْلُقُكُمْ فِى بُطُونِ أُمَّهَـٰتِكُمْ خَلْقًۭا مِّنۢ بَعْدِ خَلْقٍۢ فِى ظُلُمَـٰتٍۢ ثَلَـٰثٍۢ ۚ ذَٰلِكُمُ ٱللَّهُ رَبُّكُمْ لَهُ ٱلْمُلْكُ ۖ لَآ إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ فَأَنَّىٰ تُصْرَفُونَ
AyatMeaning
उसी ने तुम सबको एक ही शख्स से पैदा किया फिर उस (की बाक़ी मिट्टी) से उसकी बीबी (हौव्वा) को पैदा किया और उसी ने तुम्हारे लिए आठ क़िस्म के चारपाए पैदा किए वही तुमको तुम्हारी माँओं के पेट में एक क़िस्म की पैदाइश के बाद दूसरी क़िस्म (नुत्फे जमा हुआ खून लोथड़ा) की पैदाइश से तेहरे तेहरे अंधेरों (पेट) रहम और झिल्ली में पैदा करता है वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसी की बादशाही है उसके सिवा माबूद नहीं तो तुम लोग कहाँ फिरे जाते हो
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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