Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
67
PageNo
404
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
29_67.png
AyatText
أَوَلَمْ يَرَوْا۟ أَنَّا جَعَلْنَا حَرَمًا ءَامِنًۭا وَيُتَخَطَّفُ ٱلنَّاسُ مِنْ حَوْلِهِمْ ۚ أَفَبِٱلْبَـٰطِلِ يُؤْمِنُونَ وَبِنِعْمَةِ ٱللَّهِ يَكْفُرُونَ
AyatMeaning
क्या उन लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि हमने हरम (मक्का) को अमन व इत्मेनान की जगह बनाया हालॉकि उनके गिर्द व नवाह से लोग उचक ले जाते हैं तो क्या ये लोग झूठे माबूदों पर ईमान लाते हैं और ख़ुदा की नेअमत की नाशुक्री करते हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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