Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 53
- PageNo
- 356
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 24_53.png
- AyatText
- ۞ وَأَقْسَمُوا۟ بِٱللَّهِ جَهْدَ أَيْمَـٰنِهِمْ لَئِنْ أَمَرْتَهُمْ لَيَخْرُجُنَّ ۖ قُل لَّا تُقْسِمُوا۟ ۖ طَاعَةٌۭ مَّعْرُوفَةٌ ۚ إِنَّ ٱللَّهَ خَبِيرٌۢ بِمَا تَعْمَلُونَ
- AyatMeaning
- और (ऐ रसूल) उन (मुनाफेक़ीन) ने तुम्हारी इताअत की ख़ुदा की सख्त से सख्त क़समें खाई कि अगर तुम उन्हें हुक्म दो तो बिला उज़्र (घर बार छोड़कर) निकल खडे हों- तुम कह दो कि क़समें न खाओ दस्तूर के मुवाफिक़ इताअत (इससे बेहतर) और बेशक तुम जो कुछ करते हो ख़ुदा उससे ख़बरदार है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi