Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
132
PageNo
321
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
20_132.png
AyatText
وَأْمُرْ أَهْلَكَ بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱصْطَبِرْ عَلَيْهَا ۖ لَا نَسْـَٔلُكَ رِزْقًۭا ۖ نَّحْنُ نَرْزُقُكَ ۗ وَٱلْعَـٰقِبَةُ لِلتَّقْوَىٰ
AyatMeaning
और अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म दो और तुम खुद भी उसके पाबन्द रहो हम तुम से रोज़ी तो तलब करते नहीं (बल्कि) हम तो खुद तुमको रोज़ी देते हैं और परहेज़गारी ही का तो अन्जाम बखैर है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

Edit | Back to List