Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
28
PageNo
270
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
16_28.png
AyatText
ٱلَّذِينَ تَتَوَفَّىٰهُمُ ٱلْمَلَـٰٓئِكَةُ ظَالِمِىٓ أَنفُسِهِمْ ۖ فَأَلْقَوُا۟ ٱلسَّلَمَ مَا كُنَّا نَعْمَلُ مِن سُوٓءٍۭ ۚ بَلَىٰٓ إِنَّ ٱللَّهَ عَلِيمٌۢ بِمَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ
AyatMeaning
वह लोग हैं कि जब फरिश्ते उनकी रुह क़ब्ज़ करने लगते हैं (और) ये लोग (कुफ्र करके) आप अपने ऊपर सितम ढ़ाते रहे तो इताअत पर आमादा नज़र आते हैं और (कहते हैं कि) हम तो (अपने ख्याल में) कोई बुराई नहीं करते थे (तो फरिश्ते कहते हैं) हाँ जो कुछ तुम्हारी करतूते थी ख़ुदा उससे खूब अच्छी तरह वाक़िफ हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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