Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 5
- PageNo
- 249
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 13_5.png
- AyatText
- ۞ وَإِن تَعْجَبْ فَعَجَبٌۭ قَوْلُهُمْ أَءِذَا كُنَّا تُرَٰبًا أَءِنَّا لَفِى خَلْقٍۢ جَدِيدٍ ۗ أُو۟لَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ بِرَبِّهِمْ ۖ وَأُو۟لَـٰٓئِكَ ٱلْأَغْلَـٰلُ فِىٓ أَعْنَاقِهِمْ ۖ وَأُو۟لَـٰٓئِكَ أَصْحَـٰبُ ٱلنَّارِ ۖ هُمْ فِيهَا خَـٰلِدُونَ
- AyatMeaning
- और वह लोग कहने लगे ऐ शुएब जो बाते तुम कहते हो उनमें से अक्सर तो हमारी समझ ही में नहीं आयी और इसमें तो शक नहीं कि हम तुम्हें अपने लोगों में बहुत कमज़ोर समझते है और अगर तुम्हारा क़बीला न होता तो हम तुम को (कब का) संगसार कर चुके होते और तुम तो हम पर किसी तरह ग़ालिब नहीं आ सकते
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi