Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 101
- PageNo
- 203
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 9_101.png
- AyatText
- وَمِمَّنْ حَوْلَكُم مِّنَ ٱلْأَعْرَابِ مُنَـٰفِقُونَ ۖ وَمِنْ أَهْلِ ٱلْمَدِينَةِ ۖ مَرَدُوا۟ عَلَى ٱلنِّفَاقِ لَا تَعْلَمُهُمْ ۖ نَحْنُ نَعْلَمُهُمْ ۚ سَنُعَذِّبُهُم مَّرَّتَيْنِ ثُمَّ يُرَدُّونَ إِلَىٰ عَذَابٍ عَظِيمٍۢ
- AyatMeaning
- और (मुसलमानों) तुम्हारे एतराफ़ (आस पास) के गॅवार देहातियों में से बाज़ मुनाफिक़ (भी) हैं और ख़ुद मदीने के रहने वालों मे से भी (बाज़ मुनाफिक़ हैं) जो निफ़ाक पर अड़ गए हैं (ऐ रसूल) तुम उन को नहीं जानते (मगर) हम उनको (ख़ूब) जानते हैं अनक़रीब हम (दुनिया में) उनकी दोहरी सज़ा करेगें फिर ये लोग (क़यामत में) एक बड़े अज़ाब की तरफ लौटाए जाऎंगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi