Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 25
- PageNo
- 190
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 9_25.png
- AyatText
- لَقَدْ نَصَرَكُمُ ٱللَّهُ فِى مَوَاطِنَ كَثِيرَةٍۢ ۙ وَيَوْمَ حُنَيْنٍ ۙ إِذْ أَعْجَبَتْكُمْ كَثْرَتُكُمْ فَلَمْ تُغْنِ عَنكُمْ شَيْـًۭٔا وَضَاقَتْ عَلَيْكُمُ ٱلْأَرْضُ بِمَا رَحُبَتْ ثُمَّ وَلَّيْتُم مُّدْبِرِينَ
- AyatMeaning
- (मुसलमानों) ख़ुदा ने तुम्हारी बहुतेरे मक़ामात पर (ग़ैबी) इमदाद की और (ख़ासकर) जंग हुनैन के दिन जब तुम्हें अपनी क़सरत (तादाद) ने मग़रूर कर दिया था फिर वह क़सरत तुम्हें कुछ भी काम न आयी और (तुम ऐसे घबराए कि) ज़मीन बावजूद उस वसअत (फैलाव) के तुम पर तंग हो गई तुम पीठ कर भाग निकले
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi