Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 135
- PageNo
- 145
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 6_135.png
- AyatText
- قُلْ يَـٰقَوْمِ ٱعْمَلُوا۟ عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنِّى عَامِلٌۭ ۖ فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ مَن تَكُونُ لَهُۥ عَـٰقِبَةُ ٱلدَّارِ ۗ إِنَّهُۥ لَا يُفْلِحُ ٱلظَّـٰلِمُونَ
- AyatMeaning
- और तुम उसके लाने में (ख़ुदा को) आजिज़ नहीं कर सकते (ऐ रसूल तुम उनसे) कहो कि ऐ मेरी क़ौम तुम बजाए ख़ुद जो चाहो करो मैं (बजाए ख़ुद) अमल कर रहा हूँ फिर अनक़रीब तुम्हें मालूम हो जाएगा कि आख़ेरत (बेहश्त) किसके लिए है (तुम्हारे लिए या हमारे लिए) ज़ालिम लोग तो हरगिज़ कामयाब न होंगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi