Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
104
PageNo
95
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
4_104.png
AyatText
وَلَا تَهِنُوا۟ فِى ٱبْتِغَآءِ ٱلْقَوْمِ ۖ إِن تَكُونُوا۟ تَأْلَمُونَ فَإِنَّهُمْ يَأْلَمُونَ كَمَا تَأْلَمُونَ ۖ وَتَرْجُونَ مِنَ ٱللَّهِ مَا لَا يَرْجُونَ ۗ وَكَانَ ٱللَّهُ عَلِيمًا حَكِيمًا
AyatMeaning
और (मुसलमानों) दुशमनों के पीछा करने में सुस्ती न करो अगर लड़ाई में तुमको तकलीफ़ पहुंचती है तो जैसी तुमको तकलीफ़ पहुंचती है उनको भी वैसी ही अज़ीयत होती है और (तुमको) ये भी (उम्मीद है कि) तुम ख़ुदा से वह वह उम्मीदें रखते हो जो (उनको) नसीब नहीं और ख़ुदा तो सबसे वाक़िफ़ (और) हिकमत वाला है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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