Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 87
- PageNo
- 13
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 2_87.png
- AyatText
- وَلَقَدْ ءَاتَيْنَا مُوسَى ٱلْكِتَـٰبَ وَقَفَّيْنَا مِنۢ بَعْدِهِۦ بِٱلرُّسُلِ ۖ وَءَاتَيْنَا عِيسَى ٱبْنَ مَرْيَمَ ٱلْبَيِّنَـٰتِ وَأَيَّدْنَـٰهُ بِرُوحِ ٱلْقُدُسِ ۗ أَفَكُلَّمَا جَآءَكُمْ رَسُولٌۢ بِمَا لَا تَهْوَىٰٓ أَنفُسُكُمُ ٱسْتَكْبَرْتُمْ فَفَرِيقًۭا كَذَّبْتُمْ وَفَرِيقًۭا تَقْتُلُونَ
- AyatMeaning
- और ये हक़ीक़ी बात है कि हमने मूसा को किताब (तौरेत) दी और उनके बाद बहुत से पैग़म्बरों को उनके क़दम ब क़दम ले चलें और मरियम के बेटे ईसा को (भी बहुत से) वाजेए व रौशन मौजिजे दिए और पाक रूह जिबरील के ज़रिये से उनकी मदद की क्या तुम उस क़दर बददिमाग़ हो गए हो कि जब कोई पैग़म्बर तुम्हारे पास तुम्हारी ख्वाहिशे नफ़सानी के ख़िलाफ कोई हुक्म लेकर आया तो तुम अकड़ बैठे फिर तुमने बाज़ पैग़म्बरों को तो झुठलाया और बाज़ को जान से मार डाला
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi