Tafseer Translation

{1} بِّسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ وَٱلتِّينِ وَٱلزَّيْتُونِ

इन्जीर और ज़ैतून की क़सम

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{2} وَطُورِ سِينِينَ

और तूर सीनीन की

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{3} وَهَـٰذَا ٱلْبَلَدِ ٱلْأَمِينِ

और उस अमन वाले शहर (मक्का) की

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{4} لَقَدْ خَلَقْنَا ٱلْإِنسَـٰنَ فِىٓ أَحْسَنِ تَقْوِيمٍۢ

कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया

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{5} ثُمَّ رَدَدْنَـٰهُ أَسْفَلَ سَـٰفِلِينَ

फिर हमने उसे (बूढ़ा करके रफ्ता रफ्ता) पस्त से पस्त हालत की तरफ फेर दिया

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{6} إِلَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ فَلَهُمْ أَجْرٌ غَيْرُ مَمْنُونٍۢ

मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे उनके लिए तो बे इन्तेहा अज्र व सवाब है

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{7} فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِٱلدِّينِ

तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है

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{8} أَلَيْسَ ٱللَّهُ بِأَحْكَمِ ٱلْحَـٰكِمِينَ

क्या ख़ुदा सबसे बड़ा हाकिम नहीं है (हाँ ज़रूर है)

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