Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
10
PageNo
435
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
35_10.png
AyatText
مَن كَانَ يُرِيدُ ٱلْعِزَّةَ فَلِلَّهِ ٱلْعِزَّةُ جَمِيعًا ۚ إِلَيْهِ يَصْعَدُ ٱلْكَلِمُ ٱلطَّيِّبُ وَٱلْعَمَلُ ٱلصَّـٰلِحُ يَرْفَعُهُۥ ۚ وَٱلَّذِينَ يَمْكُرُونَ ٱلسَّيِّـَٔاتِ لَهُمْ عَذَابٌۭ شَدِيدٌۭ ۖ وَمَكْرُ أُو۟لَـٰٓئِكَ هُوَ يَبُورُ
AyatMeaning
जो शख्स इज्ज़त का ख्वाहाँ हो तो ख़ुदा से माँगे क्योंकि सारी इज्ज़त खुदा ही की है उसकी बारगाह तक अच्छी बातें (बुलन्द होकर) पहुँचतीं हैं और अच्छे काम को वह खुद बुलन्द फरमाता है और जो लोग (तुम्हारे ख़िलाफ) बुरी-बुरी तदबीरें करते रहते हैं उनके लिए क़यामत में सख्त अज़ाब है और (आख़िर) उन लोगों की तदबीर मटियामेट हो जाएगी
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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