Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 37
- PageNo
- 432
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 34_37.png
- AyatText
- وَمَآ أَمْوَٰلُكُمْ وَلَآ أَوْلَـٰدُكُم بِٱلَّتِى تُقَرِّبُكُمْ عِندَنَا زُلْفَىٰٓ إِلَّا مَنْ ءَامَنَ وَعَمِلَ صَـٰلِحًۭا فَأُو۟لَـٰٓئِكَ لَهُمْ جَزَآءُ ٱلضِّعْفِ بِمَا عَمِلُوا۟ وَهُمْ فِى ٱلْغُرُفَـٰتِ ءَامِنُونَ
- AyatMeaning
- और (याद रखो) तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद की ये हस्ती नहीं कि तुम को हमारी बारगाह में मुक़र्रिब बना दें मगर (हाँ) जिसने ईमान कुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए उन लोगों के लिए तो उनकी कारगुज़ारियों की दोहरी जज़ा है और वह लोग (बेहश्त के) झरोखों में इत्मेनान से रहेंगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi