Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 14
- PageNo
- 429
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 34_14.png
- AyatText
- فَلَمَّا قَضَيْنَا عَلَيْهِ ٱلْمَوْتَ مَا دَلَّهُمْ عَلَىٰ مَوْتِهِۦٓ إِلَّا دَآبَّةُ ٱلْأَرْضِ تَأْكُلُ مِنسَأَتَهُۥ ۖ فَلَمَّا خَرَّ تَبَيَّنَتِ ٱلْجِنُّ أَن لَّوْ كَانُوا۟ يَعْلَمُونَ ٱلْغَيْبَ مَا لَبِثُوا۟ فِى ٱلْعَذَابِ ٱلْمُهِينِ
- AyatMeaning
- फिर जब हमने सुलेमान पर मौत का हुक्म जारी किया तो (मर गए) मगर लकड़ी के सहारे खड़े थे और जिन्नात को किसी ने उनके मरने का पता न बताया मगर ज़मीन की दीमक ने कि वह सुलेमान के असा को खा रही थी फिर (जब खोखला होकर टूट गया और) सुलेमान (की लाश) गिरी तो जिन्नात ने जाना कि अगर वह लोग ग़ैब वॉ (ग़ैब के जानने वाले) होते तो (इस) ज़लील करने वाली (काम करने की) मुसीबत में न मुब्तिला रहते
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi