Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 8
- PageNo
- 405
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 30_8.png
- AyatText
- أَوَلَمْ يَتَفَكَّرُوا۟ فِىٓ أَنفُسِهِم ۗ مَّا خَلَقَ ٱللَّهُ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَآ إِلَّا بِٱلْحَقِّ وَأَجَلٍۢ مُّسَمًّۭى ۗ وَإِنَّ كَثِيرًۭا مِّنَ ٱلنَّاسِ بِلِقَآئِ رَبِّهِمْ لَكَـٰفِرُونَ
- AyatMeaning
- क्या उन लोगों ने अपने दिल में (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को और जो चीजे उन दोनों के दरमेयान में हैं बस बिल्कुल ठीक और एक मुक़र्रर मियाद के वास्ते पैदा किया है और कुछ शक नहीं कि बहुतेरे लोग तो अपने परवरदिगार की (बारगाह) के हुज़ूर में (क़यामत) ही को किसी तरह नहीं मानते
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi