Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 44
- PageNo
- 345
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 23_44.png
- AyatText
- ثُمَّ أَرْسَلْنَا رُسُلَنَا تَتْرَا ۖ كُلَّ مَا جَآءَ أُمَّةًۭ رَّسُولُهَا كَذَّبُوهُ ۚ فَأَتْبَعْنَا بَعْضَهُم بَعْضًۭا وَجَعَلْنَـٰهُمْ أَحَادِيثَ ۚ فَبُعْدًۭا لِّقَوْمٍۢ لَّا يُؤْمِنُونَ
- AyatMeaning
- फिर हमने लगातार बहुत से पैग़म्बर भेजे (मगर) जब जब किसी उम्मत का पैग़म्बर उन के पास आता तो ये लोग उसको झुठलाते थे तो हम थी (आगे पीछे) एक को दूसरे के बाद (हलाक) करते गए और हमने उन्हें (नेस्त व नाबूद करके) अफसाना बना दिया तो ईमान न लाने वालो पर ख़ुदा की लानत है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi