Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 37
- PageNo
- 344
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 23_37.png
- AyatText
- إِنْ هِىَ إِلَّا حَيَاتُنَا ٱلدُّنْيَا نَمُوتُ وَنَحْيَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوثِينَ
- AyatMeaning
- कि हम मरते भी हैं और जीते भी हैं और हम तो फिर (दुबारा) उठाए नहीं जाएँगे हो न हो ये (सालेह) वह शख्स है जिसने खुदा पर झूठ मूठ बोहतान बाँधा है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi