Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 97
- PageNo
- 318
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 20_97.png
- AyatText
- قَالَ فَٱذْهَبْ فَإِنَّ لَكَ فِى ٱلْحَيَوٰةِ أَن تَقُولَ لَا مِسَاسَ ۖ وَإِنَّ لَكَ مَوْعِدًۭا لَّن تُخْلَفَهُۥ ۖ وَٱنظُرْ إِلَىٰٓ إِلَـٰهِكَ ٱلَّذِى ظَلْتَ عَلَيْهِ عَاكِفًۭا ۖ لَّنُحَرِّقَنَّهُۥ ثُمَّ لَنَنسِفَنَّهُۥ فِى ٱلْيَمِّ نَسْفًا
- AyatMeaning
- और उस वक्त मुझे मेरे नफ्स ने यही सुझाया मूसा ने कहा चल (दूर हो) तेरे लिए (इस दुनिया की) ज़िन्दगी में तो (ये सज़ा है) तू कहता फ़िरेगा कि मुझे न छूना (वरना बुख़ार चढ़ जाएगा) और (आख़िरत में भी) यक़ीनी तेरे लिए (अज़ाब का) वायदा है कि हरगिज़ तुझसे ख़िलाफ़ न किया जाएगा और तू अपने माबूद को तो देख जिस (की इबादत) पर तू डट बैठा था कि हम उसे यक़ीनन जलाकर (राख) कर डालेंगे फिर हम उसे तितिर बितिर करके दरिया में उड़ा देगें
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi