Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 101
- PageNo
- 233
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_101.png
- AyatText
- وَمَا ظَلَمْنَـٰهُمْ وَلَـٰكِن ظَلَمُوٓا۟ أَنفُسَهُمْ ۖ فَمَآ أَغْنَتْ عَنْهُمْ ءَالِهَتُهُمُ ٱلَّتِى يَدْعُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ مِن شَىْءٍۢ لَّمَّا جَآءَ أَمْرُ رَبِّكَ ۖ وَمَا زَادُوهُمْ غَيْرَ تَتْبِيبٍۢ
- AyatMeaning
- जिन लोगों ने अपने परवरदिगार का कहना माना उनके लिए बहुत बेहतरी है और जिन लोगों ने उसका कहा न माना (क़यामत में उनकी ये हालत होगी) कि अगर उन्हें रुए ज़मीन के सब ख़ज़ाने बल्कि उसके साथ इतना और मिल जाए तो ये लोग अपनी नजात के बदले उसको (ये खुशी) दे डालें (मगर फिर भी कोई फायदा नहीं) यही लोग हैं जिनसे बुरी तरह हिसाब लिया जाएगा और आख़िर उन का ठिकाना जहन्नुम है और वह क्या बुरी जगह है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi