Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
120
PageNo
206
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
9_120.png
AyatText
مَا كَانَ لِأَهْلِ ٱلْمَدِينَةِ وَمَنْ حَوْلَهُم مِّنَ ٱلْأَعْرَابِ أَن يَتَخَلَّفُوا۟ عَن رَّسُولِ ٱللَّهِ وَلَا يَرْغَبُوا۟ بِأَنفُسِهِمْ عَن نَّفْسِهِۦ ۚ ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ لَا يُصِيبُهُمْ ظَمَأٌۭ وَلَا نَصَبٌۭ وَلَا مَخْمَصَةٌۭ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ وَلَا يَطَـُٔونَ مَوْطِئًۭا يَغِيظُ ٱلْكُفَّارَ وَلَا يَنَالُونَ مِنْ عَدُوٍّۢ نَّيْلًا إِلَّا كُتِبَ لَهُم بِهِۦ عَمَلٌۭ صَـٰلِحٌ ۚ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يُضِيعُ أَجْرَ ٱلْمُحْسِنِينَ
AyatMeaning
मदीने के रहने वालों और उनके गिर्दोनवॉ (आस पास) देहातियों को ये जायज़ न था कि रसूल ख़ुदा का साथ छोड़ दें और न ये (जायज़ था) कि रसूल की जान से बेपरवा होकर अपनी जानों के बचाने की फ्रिक करें ये हुक्म उसी सबब से था कि उन (जिहाद करने वालों) को ख़ुदा की रूह में जो तकलीफ़ प्यास की या मेहनत या भूख की शिद्दत की पहुँचती है या ऐसी राह चलते हैं जो कुफ्फ़ार के ग़ैज़ (ग़ज़ब का बाइस हो या किसी दुश्मन से कुछ ये लोग हासिल करते हैं तो बस उसके ऐवज़ में (उनके नामए अमल में) एक नेक काम लिख दिया जाएगा बेशक ख़ुदा नेकी करने वालों का अज्र (व सवाब) बरबाद नहीं करता है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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