Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 64
- PageNo
- 197
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 9_64.png
- AyatText
- يَحْذَرُ ٱلْمُنَـٰفِقُونَ أَن تُنَزَّلَ عَلَيْهِمْ سُورَةٌۭ تُنَبِّئُهُم بِمَا فِى قُلُوبِهِمْ ۚ قُلِ ٱسْتَهْزِءُوٓا۟ إِنَّ ٱللَّهَ مُخْرِجٌۭ مَّا تَحْذَرُونَ
- AyatMeaning
- जिसमें वह हमेशा (जलता भुनता) रहेगा यही तो बड़ी रूसवाई है मुनाफेक़ीन इस बात से डरतें हैं कि (कहीं ऐसा न हो) इन मुलसमानों पर (रसूल की माअरफ़त) कोई सूरा नाज़िल हो जाए जो उनको जो कुछ उन मुनाफिक़ीन के दिल में है बता दे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अच्छा) तुम मसख़रापन किए जाओ
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi