Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
136
PageNo
145
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
6_136.png
AyatText
وَجَعَلُوا۟ لِلَّهِ مِمَّا ذَرَأَ مِنَ ٱلْحَرْثِ وَٱلْأَنْعَـٰمِ نَصِيبًۭا فَقَالُوا۟ هَـٰذَا لِلَّهِ بِزَعْمِهِمْ وَهَـٰذَا لِشُرَكَآئِنَا ۖ فَمَا كَانَ لِشُرَكَآئِهِمْ فَلَا يَصِلُ إِلَى ٱللَّهِ ۖ وَمَا كَانَ لِلَّهِ فَهُوَ يَصِلُ إِلَىٰ شُرَكَآئِهِمْ ۗ سَآءَ مَا يَحْكُمُونَ
AyatMeaning
और ये लोग ख़ुदा की पैदा की हुई खेती और चौपायों में से हिस्सा क़रार देते हैं और अपने ख्याल के मुवाफिक कहते हैं कि ये तो ख़ुदा का (हिस्सा) है और ये हमारे शरीकों का (यानि जिनको हमने ख़ुदा का शरीक बनाया) फिर जो ख़ास उनके शरीकों का है वह तो ख़ुदा तक नहीं पहुँचने का और जो हिस्सा ख़ुदा का है वो उसके शरीकों तक पहुँच जाएगा ये क्या ही बुरा हुक्म लगाते हैं और उसी तरह बहुतेरे मुशरकीन को उनके शरीकों ने अपने बच्चों को मार डालने को अच्छा कर दिखाया है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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