Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
115
PageNo
142
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
6_115.png
AyatText
وَتَمَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ صِدْقًۭا وَعَدْلًۭا ۚ لَّا مُبَدِّلَ لِكَلِمَـٰتِهِۦ ۚ وَهُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلْعَلِيمُ
AyatMeaning
तो तुम (कहीं) शक़ करने वालों से न हो जाना और सच्चाई और इन्साफ में तो तुम्हारे परवरदिगार की बात पूरी हो गई कोई उसकी बातों का बदलने वाला नहीं और वही बड़ा सुनने वाला वाक़िफकार है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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