Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
81
PageNo
137
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
6_81.png
AyatText
وَكَيْفَ أَخَافُ مَآ أَشْرَكْتُمْ وَلَا تَخَافُونَ أَنَّكُمْ أَشْرَكْتُم بِٱللَّهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهِۦ عَلَيْكُمْ سُلْطَـٰنًۭا ۚ فَأَىُّ ٱلْفَرِيقَيْنِ أَحَقُّ بِٱلْأَمْنِ ۖ إِن كُنتُمْ تَعْلَمُونَ
AyatMeaning
और जिन्हें तुम ख़ुदा का शरीक बताते हो मै उन से क्यों डरुँ जब तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने ख़ुदा का शरीक ऐसी चीज़ों को बनाया है जिनकी ख़ुदा ने कोई सनद तुम पर नहीं नाज़िल की फिर अगर तुम जानते हो तो (भला बताओ तो सही कि) हम दोनों फरीक़ (गिरोह) में अमन क़ायम रखने का ज्यादा हक़दार कौन है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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