Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 19
- PageNo
- 130
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 6_19.png
- AyatText
- قُلْ أَىُّ شَىْءٍ أَكْبَرُ شَهَـٰدَةًۭ ۖ قُلِ ٱللَّهُ ۖ شَهِيدٌۢ بَيْنِى وَبَيْنَكُمْ ۚ وَأُوحِىَ إِلَىَّ هَـٰذَا ٱلْقُرْءَانُ لِأُنذِرَكُم بِهِۦ وَمَنۢ بَلَغَ ۚ أَئِنَّكُمْ لَتَشْهَدُونَ أَنَّ مَعَ ٱللَّهِ ءَالِهَةً أُخْرَىٰ ۚ قُل لَّآ أَشْهَدُ ۚ قُلْ إِنَّمَا هُوَ إِلَـٰهٌۭ وَٰحِدٌۭ وَإِنَّنِى بَرِىٓءٌۭ مِّمَّا تُشْرِكُونَ
- AyatMeaning
- (ऐ रसूल) तुम पूछो कि गवाही में सबसे बढ़के कौन चीज़ है तुम खुद ही कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान ख़ुदा गवाह है और मेरे पास ये क़ुरान वही के तौर पर इसलिए नाज़िल किया गया ताकि मैं तुम्हें और जिसे (उसकी) ख़बर पहुँचे उसके ज़रिए से डराओ क्या तुम यक़ीनन यह गवाही दे सकते हो कि अल्लाह के साथ और दूसरे माबूद भी हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै तो उसकी गवाही नहीं देता (तुम दिया करो) तुम (उन लोगों से) कहो कि वह तो बस एक ही ख़ुदा है और जिन चीज़ों को तुम (ख़ुदा का) शरीक बनाते हो
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi