Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 162
- PageNo
- 103
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 4_162.png
- AyatText
- لَّـٰكِنِ ٱلرَّٰسِخُونَ فِى ٱلْعِلْمِ مِنْهُمْ وَٱلْمُؤْمِنُونَ يُؤْمِنُونَ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيْكَ وَمَآ أُنزِلَ مِن قَبْلِكَ ۚ وَٱلْمُقِيمِينَ ٱلصَّلَوٰةَ ۚ وَٱلْمُؤْتُونَ ٱلزَّكَوٰةَ وَٱلْمُؤْمِنُونَ بِٱللَّهِ وَٱلْيَوْمِ ٱلْـَٔاخِرِ أُو۟لَـٰٓئِكَ سَنُؤْتِيهِمْ أَجْرًا عَظِيمًا
- AyatMeaning
- लेकिन (ऐ रसूल) उनमें से जो लोग इल्म (दीन) में बड़े मज़बूत पाए पर फ़ायज़ हैं वह और ईमान वाले तो जो (किताब) तुमपर नाज़िल हुई है (सब पर ईमान रखते हैं) और से नमाज़ पढ़ते हैं और ज़कात अदा करते हैं और ख़ुदा और रोज़े आख़ेरत का यक़ीन रखते हैं ऐसे ही लोगों को हम अनक़रीब बहुत बड़ा अज्र अता फ़रमाएंगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi