Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
123
PageNo
98
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
4_123.png
AyatText
لَّيْسَ بِأَمَانِيِّكُمْ وَلَآ أَمَانِىِّ أَهْلِ ٱلْكِتَـٰبِ ۗ مَن يَعْمَلْ سُوٓءًۭا يُجْزَ بِهِۦ وَلَا يَجِدْ لَهُۥ مِن دُونِ ٱللَّهِ وَلِيًّۭا وَلَا نَصِيرًۭا
AyatMeaning
न तुम लोगों की आरज़ू से (कुछ काम चल सकता है) न अहले किताब की तमन्ना से कुछ हासिल हो सकता है बल्कि (जैसा काम वैसा दाम) जो बुरा काम करेगा उसे उसका बदला दिया जाएगा और फिर ख़ुदा के सिवा किसी को न तो अपना सरपरस्त पाएगा और न मददगार
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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