Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 120
- PageNo
- 19
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 2_120.png
- AyatText
- وَلَن تَرْضَىٰ عَنكَ ٱلْيَهُودُ وَلَا ٱلنَّصَـٰرَىٰ حَتَّىٰ تَتَّبِعَ مِلَّتَهُمْ ۗ قُلْ إِنَّ هُدَى ٱللَّهِ هُوَ ٱلْهُدَىٰ ۗ وَلَئِنِ ٱتَّبَعْتَ أَهْوَآءَهُم بَعْدَ ٱلَّذِى جَآءَكَ مِنَ ٱلْعِلْمِ ۙ مَا لَكَ مِنَ ٱللَّهِ مِن وَلِىٍّۢ وَلَا نَصِيرٍ
- AyatMeaning
- और (ऐ रसूल) न तो यहूदी कभी तुमसे रज़ामंद होगे न नसारा यहाँ तक कि तुम उनके मज़हब की पैरवी करो (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि बस खुदा ही की हिदायत तो हिदायत है (बाक़ी ढकोसला है) और अगर तुम इसके बाद भी कि तुम्हारे पास इल्म (क़ुरान) आ चुका है उनकी ख्वाहिशों पर चले तो (याद रहे कि फिर) तुमको खुदा (के ग़ज़ब) से बचाने वाला न कोई सरपरस्त होगा न मददगार
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi