Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
7
PageNo
546
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
59_7.png
AyatText
مَّآ أَفَآءَ ٱللَّهُ عَلَىٰ رَسُولِهِۦ مِنْ أَهْلِ ٱلْقُرَىٰ فَلِلَّهِ وَلِلرَّسُولِ وَلِذِى ٱلْقُرْبَىٰ وَٱلْيَتَـٰمَىٰ وَٱلْمَسَـٰكِينِ وَٱبْنِ ٱلسَّبِيلِ كَىْ لَا يَكُونَ دُولَةًۢ بَيْنَ ٱلْأَغْنِيَآءِ مِنكُمْ ۚ وَمَآ ءَاتَىٰكُمُ ٱلرَّسُولُ فَخُذُوهُ وَمَا نَهَىٰكُمْ عَنْهُ فَٱنتَهُوا۟ ۚ وَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ ۖ إِنَّ ٱللَّهَ شَدِيدُ ٱلْعِقَابِ
AyatMeaning
तो जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को देहात वालों से बे लड़े दिलवाया है वह ख़ास ख़ुदा और उसके रसूल और (रसूल के) क़राबतदारों और यतीमों और मोहताजों और परदेसियों का है ताकि जो लोग तुममें से दौलतमन्द हैं हिर फिर कर दौलत उन्हीं में न रहे, हाँ जो तुमको रसूल दें दें वह ले लिया करो और जिससे मना करें उससे बाज़ रहो और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा सख्त अज़ाब देने वाला है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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