Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
12
PageNo
539
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
57_12.png
AyatText
يَوْمَ تَرَى ٱلْمُؤْمِنِينَ وَٱلْمُؤْمِنَـٰتِ يَسْعَىٰ نُورُهُم بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَبِأَيْمَـٰنِهِم بُشْرَىٰكُمُ ٱلْيَوْمَ جَنَّـٰتٌۭ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَـٰرُ خَـٰلِدِينَ فِيهَا ۚ ذَٰلِكَ هُوَ ٱلْفَوْزُ ٱلْعَظِيمُ
AyatMeaning
जिस दिन तुम मोमिन मर्द और मोमिन औरतों को देखोगे कि उन (के ईमान) का नूर उनके आगे आगे और दाहिने तरफ चल रहा होगा तो उनसे कहा (जाएगा) तुमको बशारत हो कि आज तुम्हारे लिए वह बाग़ है जिनके नीचे नहरें जारी हैं जिनमें हमेशा रहोगे यही तो बड़ी कामयाबी है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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