Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 10
- PageNo
- 538
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 57_10.png
- AyatText
- وَمَا لَكُمْ أَلَّا تُنفِقُوا۟ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ وَلِلَّهِ مِيرَٰثُ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ ۚ لَا يَسْتَوِى مِنكُم مَّنْ أَنفَقَ مِن قَبْلِ ٱلْفَتْحِ وَقَـٰتَلَ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ أَعْظَمُ دَرَجَةًۭ مِّنَ ٱلَّذِينَ أَنفَقُوا۟ مِنۢ بَعْدُ وَقَـٰتَلُوا۟ ۚ وَكُلًّۭا وَعَدَ ٱللَّهُ ٱلْحُسْنَىٰ ۚ وَٱللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرٌۭ
- AyatMeaning
- और तुमको क्या हो गया कि (अपना माल) ख़ुदा की राह में ख़र्च नहीं करते हालॉकि सारे आसमान व ज़मीन का मालिक व वारिस ख़ुदा ही है तुममें से जिस शख़्श ने फतेह (मक्का) से पहले (अपना माल) ख़र्च किया और जेहाद किया (और जिसने बाद में किया) वह बराबर नहीं उनका दर्जा उन लोगों से कहीं बढ़ कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और जेहाद किया और (यूँ तो) ख़ुदा ने नेकी और सवाब का वायदा तो सबसे किया है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ़ है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi