Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 17
- PageNo
- 513
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 48_17.png
- AyatText
- لَّيْسَ عَلَى ٱلْأَعْمَىٰ حَرَجٌۭ وَلَا عَلَى ٱلْأَعْرَجِ حَرَجٌۭ وَلَا عَلَى ٱلْمَرِيضِ حَرَجٌۭ ۗ وَمَن يُطِعِ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥ يُدْخِلْهُ جَنَّـٰتٍۢ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَـٰرُ ۖ وَمَن يَتَوَلَّ يُعَذِّبْهُ عَذَابًا أَلِيمًۭا
- AyatMeaning
- (जेहाद से पीछे रह जाने का) न तो अन्धे ही पर कुछ गुनाह है और न लँगड़े पर गुनाह है और न बीमार पर गुनाह है और जो शख़्श ख़ुदा और उसके रसूल का हुक्म मानेगा तो वह उसको (बेहिश्त के) उन सदाबहार बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी होंगी और जो सरताबी करेगा वह उसको दर्दनाक अज़ाब की सज़ा देगा
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi