Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 31
- PageNo
- 480
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 41_31.png
- AyatText
- نَحْنُ أَوْلِيَآؤُكُمْ فِى ٱلْحَيَوٰةِ ٱلدُّنْيَا وَفِى ٱلْـَٔاخِرَةِ ۖ وَلَكُمْ فِيهَا مَا تَشْتَهِىٓ أَنفُسُكُمْ وَلَكُمْ فِيهَا مَا تَدَّعُونَ
- AyatMeaning
- हम दुनिया की ज़िन्दगी में तुम्हारे दोस्त थे और आखेरत में भी तुम्हारे (रफ़ीक़) हैं और जिस चीज़ का भी तुम्हार जी चाहे बेहिश्त में तुम्हारे वास्ते मौजूद है और जो चीज़ तलब करोगे वहाँ तुम्हारे लिए (हाज़िर) होगी
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi