Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
49
PageNo
464
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_49.png
AyatText
فَإِذَا مَسَّ ٱلْإِنسَـٰنَ ضُرٌّۭ دَعَانَا ثُمَّ إِذَا خَوَّلْنَـٰهُ نِعْمَةًۭ مِّنَّا قَالَ إِنَّمَآ أُوتِيتُهُۥ عَلَىٰ عِلْمٍۭ ۚ بَلْ هِىَ فِتْنَةٌۭ وَلَـٰكِنَّ أَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
AyatMeaning
इन्सान को तो जब कोई बुराई छू गयी बस वह लगा हमसे दुआएँ माँगने, फिर जब हम उसे अपनी तरफ़ से कोई नेअमत अता करते हैं तो कहने लगता है कि ये तो सिर्फ (मेरे) इल्म के ज़ोर से मुझे दिया गया है (ये ग़लती है) बल्कि ये तो एक आज़माइश है मगर उन में के अक्सर नहीं जानते हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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