Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 86
- PageNo
- 396
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 28_86.png
- AyatText
- وَمَا كُنتَ تَرْجُوٓا۟ أَن يُلْقَىٰٓ إِلَيْكَ ٱلْكِتَـٰبُ إِلَّا رَحْمَةًۭ مِّن رَّبِّكَ ۖ فَلَا تَكُونَنَّ ظَهِيرًۭا لِّلْكَـٰفِرِينَ
- AyatMeaning
- इससे मेरा परवरदिगार ख़ूब वाक़िफ है और तुमको तो ये उम्मीद न थी कि तुम्हारे पास ख़ुदा की तरफ से किताब नाज़िल की जाएगी मगर तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी से नाज़िल हुई तो तुम हरग़िज़ काफिरों के पुश्त पनाह न बनना
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi