Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 135
- PageNo
- 321
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 20_135.png
- AyatText
- قُلْ كُلٌّۭ مُّتَرَبِّصٌۭ فَتَرَبَّصُوا۟ ۖ فَسَتَعْلَمُونَ مَنْ أَصْحَـٰبُ ٱلصِّرَٰطِ ٱلسَّوِىِّ وَمَنِ ٱهْتَدَىٰ
- AyatMeaning
- रसूल तुम कह दो कि हर शख्स (अपने अन्जामकार का) मुन्तिज़र है तो तुम भी इन्तिज़ार करो फिर तो तुम्हें बहुत जल्द मालूम हो जाएगा कि सीधी राह वाले कौन हैं (और कज़ी पर कौन हैं) हिदायत याफ़ता कौन है और गुमराह कौन है।
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi