Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 26
- PageNo
- 296
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 18_26.png
- AyatText
- قُلِ ٱللَّهُ أَعْلَمُ بِمَا لَبِثُوا۟ ۖ لَهُۥ غَيْبُ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ ۖ أَبْصِرْ بِهِۦ وَأَسْمِعْ ۚ مَا لَهُم مِّن دُونِهِۦ مِن وَلِىٍّۢ وَلَا يُشْرِكُ فِى حُكْمِهِۦٓ أَحَدًۭا
- AyatMeaning
- (ऐ रसूल) अगर वह लोग इस पर भी न मानें तो तुम कह दो कि ख़ुदा उनके ठहरने की मुद्दत से बखूबी वाक़िफ है सारे आसमान और ज़मीन का ग़ैब उसी के वास्ते ख़ास है (अल्लाह हो अकबर) वो कैसा देखने वाला क्या ही सुनने वाला है उसके सिवा उन लोगों का कोई सरपरस्त नहीं और वह अपने हुक्म में किसी को अपना दख़ील (शरीक) नहीं बनाता
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi