Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 59
- PageNo
- 288
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 17_59.png
- AyatText
- وَمَا مَنَعَنَآ أَن نُّرْسِلَ بِٱلْـَٔايَـٰتِ إِلَّآ أَن كَذَّبَ بِهَا ٱلْأَوَّلُونَ ۚ وَءَاتَيْنَا ثَمُودَ ٱلنَّاقَةَ مُبْصِرَةًۭ فَظَلَمُوا۟ بِهَا ۚ وَمَا نُرْسِلُ بِٱلْـَٔايَـٰتِ إِلَّا تَخْوِيفًۭا
- AyatMeaning
- और हमें मौजिज़ात भेजने से किसी चीज़ ने नहीं रोका मगर इसके सिवा कि अगलों ने उन्हें झुठला दिया और हमने क़ौमे समूद को (मौजिज़े से) ऊँटनी अता की जो (हमारी कुदरत की) दिखाने वाली थी तो उन लोगों ने उस पर ज़ुल्म किया यहाँ तक कि मार डाला और हम तो मौजिज़े सिर्फ डराने की ग़रज़ से भेजा करते हैं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi