Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 77
- PageNo
- 244
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 12_77.png
- AyatText
- ۞ قَالُوٓا۟ إِن يَسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ أَخٌۭ لَّهُۥ مِن قَبْلُ ۚ فَأَسَرَّهَا يُوسُفُ فِى نَفْسِهِۦ وَلَمْ يُبْدِهَا لَهُمْ ۚ قَالَ أَنتُمْ شَرٌّۭ مَّكَانًۭا ۖ وَٱللَّهُ أَعْلَمُ بِمَا تَصِفُونَ
- AyatMeaning
- और ऐ मेरी क़ौम अपने परवरदिगार से मग़फिरत की दुआ मॉगों फिर उसकी बारगाह में अपने (गुनाहों से) तौबा करो तो वह तुम पर मूसलाधार मेह आसमान से बरसाएगा ख़ुश्क साली न होगी और तुम्हारी क़ूवत (ताक़त) में और क़ूवत बढ़ा देगा और मुजरिम बन कर उससे मुँह न मोड़ों
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi