Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 88
- PageNo
- 231
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_88.png
- AyatText
- قَالَ يَـٰقَوْمِ أَرَءَيْتُمْ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٍۢ مِّن رَّبِّى وَرَزَقَنِى مِنْهُ رِزْقًا حَسَنًۭا ۚ وَمَآ أُرِيدُ أَنْ أُخَالِفَكُمْ إِلَىٰ مَآ أَنْهَىٰكُمْ عَنْهُ ۚ إِنْ أُرِيدُ إِلَّا ٱلْإِصْلَـٰحَ مَا ٱسْتَطَعْتُ ۚ وَمَا تَوْفِيقِىٓ إِلَّا بِٱللَّهِ ۚ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْهِ أُنِيبُ
- AyatMeaning
- और अगर तुम्हें (किसी बात पर) ताज्जुब होता है तो उन कुफ्फारों को ये क़ौल ताज्जुब की बात है कि जब हम (सड़गल कर) मिट्टी हो जाएंगें तो क्या हम (फिर दोबारा) एक नई जहन्नुम में आंऎंगें ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार के साथ कुफ्र किया और यही वह लोग हैं जिनकी गर्दनों में (क़यामत के दिन) तौक़ पड़े होगें और यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये इसमें हमेशा रहेगें
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi