Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 55
- PageNo
- 228
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_55.png
- AyatText
- مِن دُونِهِۦ ۖ فَكِيدُونِى جَمِيعًۭا ثُمَّ لَا تُنظِرُونِ
- AyatMeaning
- (ग़रज़ जब उन लोगों ने जाकर बयान किया तो) याक़ूब न कहा (उसने चोरी नहीं की) बल्कि ये बात तुमने अपने दिल से गढ़ ली है तो (ख़ैर) सब्र (और ख़ुदा का) शुक्र ख़ुदा से तो (मुझे) उम्मीद है कि मेरे सब (लड़कों) को मेरे पास पहुँचा दे बेशक वह बड़ा वाकिफ़ कार हकीम है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi