Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
94
PageNo
202
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
9_94.png
AyatText
يَعْتَذِرُونَ إِلَيْكُمْ إِذَا رَجَعْتُمْ إِلَيْهِمْ ۚ قُل لَّا تَعْتَذِرُوا۟ لَن نُّؤْمِنَ لَكُمْ قَدْ نَبَّأَنَا ٱللَّهُ مِنْ أَخْبَارِكُمْ ۚ وَسَيَرَى ٱللَّهُ عَمَلَكُمْ وَرَسُولُهُۥ ثُمَّ تُرَدُّونَ إِلَىٰ عَـٰلِمِ ٱلْغَيْبِ وَٱلشَّهَـٰدَةِ فَيُنَبِّئُكُم بِمَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ
AyatMeaning
जब तुम उनके पास (जिहाद से लौट कर) वापस आओगे तो ये (मुनाफिक़ीन) तुमसे (तरह तरह) की माअज़रत करेंगे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि बातें न बनाओ हम हरग़िज़ तुम्हारी बात न मानेंगे (क्योंकि) हमे तो ख़ुदा ने तुम्हारे हालात से आगाह कर दिया है अनक़ीरब ख़ुदा और उसका रसूल तुम्हारी कारस्तानी को मुलाहज़ा फरमाएगें फिर तुम ज़ाहिर व बातिन के जानने वालों (ख़ुदा) की हुज़ूरी में लौटा दिए जाओगे तो जो कुछ तुम (दुनिया में) करते थे (ज़र्रा ज़र्रा) बता देगा
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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