Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 160
- PageNo
- 171
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 7_160.png
- AyatText
- وَقَطَّعْنَـٰهُمُ ٱثْنَتَىْ عَشْرَةَ أَسْبَاطًا أُمَمًۭا ۚ وَأَوْحَيْنَآ إِلَىٰ مُوسَىٰٓ إِذِ ٱسْتَسْقَىٰهُ قَوْمُهُۥٓ أَنِ ٱضْرِب بِّعَصَاكَ ٱلْحَجَرَ ۖ فَٱنۢبَجَسَتْ مِنْهُ ٱثْنَتَا عَشْرَةَ عَيْنًۭا ۖ قَدْ عَلِمَ كُلُّ أُنَاسٍۢ مَّشْرَبَهُمْ ۚ وَظَلَّلْنَا عَلَيْهِمُ ٱلْغَمَـٰمَ وَأَنزَلْنَا عَلَيْهِمُ ٱلْمَنَّ وَٱلسَّلْوَىٰ ۖ كُلُوا۟ مِن طَيِّبَـٰتِ مَا رَزَقْنَـٰكُمْ ۚ وَمَا ظَلَمُونَا وَلَـٰكِن كَانُوٓا۟ أَنفُسَهُمْ يَظْلِمُونَ
- AyatMeaning
- और हमने बनी ईसराइल के एक एक दादा की औलाद को जुदा जुदा बारह गिरोह बना दिए और जब मूसा की क़ौम ने उनसे पानी मॉगा तो हमने उनके पास वही भेजी कि तुम अपनी छड़ी पत्थर पर मारो (छड़ी मारना था) कि उस पत्थर से पानी के बारह चश्मे फूट निकले और ऐसे साफ साफ अलग अलग कि हर क़बीले ने अपना अपना घाट मालूम कर लिया और हमने बनी ईसराइल पर अब्र (बादल) का साया किया और उन पर मन व सलवा (सी नेअमत) नाज़िल की (लोगों) जो पाक (पाकीज़ा) चीज़े तुम्हें दी हैं उन्हें (शौक़ से खाओ पियो) और उन लोगों ने (नाफरमानी करके) कुछ हमारा नहीं बिगाड़ा बल्कि अपना आप ही बिगाड़ते हैं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi