Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
77
PageNo
121
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
5_77.png
AyatText
قُلْ يَـٰٓأَهْلَ ٱلْكِتَـٰبِ لَا تَغْلُوا۟ فِى دِينِكُمْ غَيْرَ ٱلْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعُوٓا۟ أَهْوَآءَ قَوْمٍۢ قَدْ ضَلُّوا۟ مِن قَبْلُ وَأَضَلُّوا۟ كَثِيرًۭا وَضَلُّوا۟ عَن سَوَآءِ ٱلسَّبِيلِ
AyatMeaning
ऐ रसूल तुम कह दो कि ऐ अहले किताब तुम अपने दीन में नाहक़ ज्यादती न करो और न उन लोगों (अपने बुज़ुगों) की नफ़सियानी ख्वाहिशों पर चलो जो पहले ख़ुद ही गुमराह हो चुके और (अपने साथ और भी) बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा और राहे रास्त से (दूर) भटक गए
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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